ब्लॉग शुरु करने के पहले ही दिन, जो सबसे पहली बात दिमाग में कौन्धती है, वो है हमारी अपनी रचनाओं के चोरी होने का डर। हालाँकि, पूरे तरह से सुरक्षित करना तो मुमकिन नहीं, पर हाँ कुछ बातों का धयान रखें तो कभी काम ज़रूर आ सकती हैं।
- सब से पहले तो अपनी ब्लॉग पर कॉपी राईट्स होने की बात ज़रूर लिखें। इस के लिए आप http://www.copyscape.com/ का विजेट भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- जितनी जल्दी हो सके, अपने ब्लॉग को किसी डोमेन नाम से रजिस्टर करा लें।
- अपने ब्लॉग को गूगल, याहू इत्यादि की खोजी मशीनों पर रजिस्टर ज़रूर करें। इसके अलावा फीड बर्नर, और इस तरह की जितनी भी साइट्स हैं उन सब पर पंजीकृत ज़रूर करें।
- वैसे तो हज़ार चीज़ें हैं, जो ये भरोसा दिलाती हैं कि आप का ब्लॉग सुरक्षित है। पर विस्वास मानिये, जहाँ बात साहित्य और कला की आती है वहां चुराने के हज़ार नायाब तरीके भी खुद बखुद आ ही जाते हैं। जैसे, बहुत आसान है आप की रचना को किसी और भाषा में लिख कर कोई अपने नाम से प्रकाशित करवा सकता है, अगर वो आप के देश का हुआ तो शायद कभी आप को पता चल भी जाये, पर अगर किसी और देश का हुआ तो?
- तो खैर, ये तय हुआ की पूरी तरह से सुरक्षित नहीं कर सकते आप, अगर आपने अपनी रचना ब्लॉग में डाल दी है। तो फिर क्या? चलिए कुछ कोशिश तो कर सकते हैं, वही करते हैं।
- पहले तो ये कैसे जाने की किस साईट की क्या चीज़ें हमारी ब्लॉग से मिलते-जुलते हैं। इस के लिए एक बहुत ही बढ़िया वेबसाइट है : www.copyscape.com , इस पे अपनी ब्लॉग का पता डालें और कुछ ही देर में ये आप को दुनिया के हर उस साईट के उस पन्ने का पता दे देगा जिसके पन्ने आप के ब्लॉग के पन्नों से मिलते हैं।
- तो चलिए, अगर आपको पता चल भी गया तो क्या करेंगे?
- सब से पहले तो उस वेबसाइट के हर उस पन्नों का स्क्रीन शॉट अपने कंप्यूटर पे सुरक्षित कर लें।
- अब मालूम करें की वो कौन है? उसकी साईट का रजिस्ट्रेशन अगर है, तो रजिस्ट्रार कौन है, और उसका पता क्या है?
- अब उसे , उसके रजिस्ट्रार को और खोजी कंपनियों को (जैसे गूगल, याहू, इत्यादि ) को पत्र लिखें।
- पत्र में हर एक चीज़ साफ़-साफ़ लिखें कि, आप कि किस ब्लोग का क्या, उनकी साईट पे बिना इजाज़त है। और आप की ब्लॉग के हर कॉपी राईट्स आप के पास हैं, तो बेहतर है कि जल्द से जल्द इसे अपनी साईट से हटायें नहीं तो आप कानूनी करवाई कर शुरू कर देंगे। पत्र में ये अगर मुमकिन हो तो, ये भी लिखें कि कानून के किस अधिनियम के तहत क्या उलंघन हुआ है और इसका क्या परिणाम उन्हें भोगना पड़ सकता है। उन्हें बताएं कि, अगर ७२ घंटों के अन्दर उन्हों ने कोई कदम नहीं उठाये तो आप इसे यही मानेगे कि वो कानूनी करवाई के लिए तैयार हैं। पत्र में ये भी लिखें की उनके रजिस्ट्रार को भी सूचित कर दिया गया है। और रजिस्ट्रार का पता भी ईमेल के पते में जरूर डालें।
- गूगल और याहू जैसी कम्पनियाँ भी इस तरह की हरकतों के बिलकुल खिलाफ हैं। उनके कॉपी राइट्स के पन्नों को पढें और अनुसरण करें।
http://www.google.com/dmca.html
http://info.yahoo.com/copyright/us/details.html- वो भी आपकी मदद ज़रूर करेंगी, ये साबित करने में की आप के ब्लॉग की चीज़ें आप की ही हैं।
नोट: ऊपर दी गयी सारी बातें कोई कानूनी सलाह बिलकुल नहीं है। पर हाँ, अगर आप को कभी भविष्य में किसी इस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ा तो ज़रूर काम आ सकती हैं। - सब से पहले तो उस वेबसाइट के हर उस पन्नों का स्क्रीन शॉट अपने कंप्यूटर पे सुरक्षित कर लें।
blog se judi hui jaankari dekar aapne un sabhi ki help ki jo in baton se anjaan hai .is kadam se kitno ko hi laabh mil sakega .is nek kaam ke liye shukriya .
ReplyDeleteBas aap sab ki duaon ka asar hai.
ReplyDelete